मेरा मानना है कि भगवान कृष्ण के सभी उपन्यास हम सुनते हैं या पढ़ते हैं केवल एक चंचल कृत्य नहीं हैं, लेकिन उनके पीछे एक अर्थ है, जो हमें जीवन के बहुमूल्य मूल्यों को सिखाना है। इस ब्रह्मांड के ब्रह्मा ने माफी मांगी और कृष्ण ने उसे माफ कर दिया। सभी वास्तविक लड़कों और बछड़े को ब्रह्मा ने वापस लौटा दिया और भगवान से उत्पन्न होने वाले उन में भंग हो गए।
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